नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में बुधवार को आए तूफान ने खूब तबाही मचाई है। भयंकर तूफान से शहर से देहात तक सैकड़ों पेड़, होर्डिंग, टीनशेड, खंभे उखड़ गए। कई जगह मकान और दीवार ढह गईं। आगरा के अछनेरा और डौकी में तीन-तीन जबकि ताजगंज में दो लोगों की मौत हो गई। मथुरा और फिरोजाबाद में चार-चार लोगों की मौत हो गई। अभी तक तूऱान की वजह से 18 लोगों के मौत की खबर है। मंजर इतना भयंकर था कि चारों तरफ से हादसों की खबर आ रही थी। अस्पतालों में हर ओर से घायल उपचार को लाए जा रहे थे। मथुरा और फिरोजाबाद में कई जगह जलभराव हो गया। फिरोजाबाद के मक्खनपुर में कारखानों की दो चिमनी टूट गई हैं, फिरोजाबाद में दो मकान गिर गए।
लखनऊ एक्सप्रेस वे के टोल का उड़ा बूथ
तूफान और बारिश से लखनऊ एक्सप्रेस वे के टोल प्लाजा का बूथ उड़ गया। टोल प्लाजा पर अफरातफरी मच गई। बारिश होने पर एक्सप्रेस वे पर यातायात प्रभावित हुआ। टोल प्लाजा के बूथ नंबर 12 हवा में उड़ गया। इससे वहां मौजूद कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई। दो बार बंद में पटरी से उतरा कारोबार बुधवार रात तूफान और बारिश में फिर तबाह हो गया। बिजली न होने की वजह से नुकसान का फिलहाल सही आकलन नहीं हो सका। फिर भी अनुमान है कि आगरा के कारोबार जगत को मौसम की इस टेढ़ी निगाह ने 150 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की चपत लगा दी।
ताजमहल में भारी नुकसान हुआ है
तेज रफ्तार से आए तूफान से ताजमहल में भारी नुकसान हुआ है। यहां की दो मीनारें गिर गईं। एक रॉयल गेट और दूसरी दक्षिणी के गेट की मीनार गिरी है। यहां लगे कलश भी गिर कर टूट गए। इसके अलावा मुख्य गुंबद पर लगे कुछ पत्थर भी टूटकर नीचे गिर गए। वहीं फोरकोर्ट में खड़ा नीम का पेड़ भी धराशायी हो गया। ताजमहल के इन गेटों का निर्माण 1631 से 1638 के बीच हुआ था। इनमें अभी कुछ दिन पूर्व छह मार्च को रायल गेट के कुछ पत्थर टूटकर नीचे गिरे थे। बुधवार को तेज आंधी में गेट के साइड की मीनार भरभराकर नीचे गिर पड़ी।
तबाही का मंजर सबसे अधिक खेतों में देखने को मिला
कुदरत की मार बुधवार रात सबसे अधिक किसानों पर टूटी। तबाही का मंजर सबसे अधिक खेतों में देखने को मिला। खेत के खेत उजड़ गए। गेहूं सहित अन्य सभी तरह की फसलें पानी में बह गईं और किसान पूरी तरह बर्बाद हो गया। कई जिलों फसल बर्बाद होने की खबरें हैं।