चण्डीगढ़ : हरियाणा सरकार ने राजस्व विभाग के माध्यम से 1 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च 2018 की अवधि के दौरान 4265.18 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व एकत्रित किया है, जबकि पिछले वर्ष के दौरान 3260 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था। इस प्रकार से इस वित्तीय वर्ष में 1005 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रहण हुआ है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक ट्रोफी का अनावरण करने के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में जानकारी देते हुए हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार की पारदर्शी नीतियों और भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेन्स की वजह से स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस से होने वाली आय में एतिहासिक वृद्धि हुई है।
राजस्व मंत्री ने बताया की राजस्व विभाग ने जहां एक ओर एतिहासिक वृद्धि दर्ज करते हुए राजस्व एकत्रित किया वहीं, किसानों और आम नागरिकों के लिए कई अहम् निर्णय लिए गये हैं। ई-दिशा के माध्यम से नई रजिस्ट्रेशन प्रणाली राज्य की सभी तहसीलों व उप-तहसीलों में 3 फरवरी, 2015 से शुरू की गई जिसकी वजह से ना केवल आवेदकों का समय बच रहा है बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है। उन्होंने बताया की इस प्रणाली के तहत यदि आवेदक चाहे तो वह रजिस्ट्री डाक द्वारा तीन दिन के अन्दर प्राप्त कर सकता है।
राजस्व मंत्री ने बताया की 2 मई, 2015 से राज्य में ई-स्टाम्प प्रणाली लागू की गई है, इसकी वजह से राजस्व में बढौतरी हो रही है तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। राजस्व विभाग द्वारा प्रत्येक माह की 12 व 26 तारीख को (कार्य दिवस) इंतकाल शून्य करने के लिए निर्धारित की गई है, इस वजह से राज्य में इंतकाल की पेंडेंसी शून्य हुई है।
उन्होंने बताया कि जहां एक और राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार और लेट-लतीफी पर अंकुश लगाकर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेवारी सुनिश्चित की गई है वहीं विभाग ने किसानों के हित में भी कई अहम निर्णय लिए हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों की मुआवजा राशि 10 हज़ार रुपयेसे बढ़ाकर 12 हजार रुपये प्रति एकड़ किया है तथा कम से कम नुकसान की स्थिति में किसानों के लिए न्यूनतम 500 रुपये मुआवजा सुनिश्चित किया है, जिन क्षेत्रों में फसलें 50 प्रतिशत से अधिक खराब हुई, वहां एक वर्ष के लिए किसानों के कृषि के बिल शत-प्रतिशत माफ किये गये और जिन क्षेत्रों में फसलें 25 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक खराब हुई, वहां किसानों के टयूबवेल के बिल 50 प्रतिशत तक माफ किये गये हैं। राज्य सरकार ने प्रति एकड़ मुआवजा दर बढ़ाने के साथ-साथ बाढ़, जलभराव, अग्नि, बिजली की चिंगारी, भारी वर्षा, ओलावृष्टि, आंधी-तूफान और सफेद मक्खी के प्रकोप आदि के कारण क्षतिग्रस्त फसलों के लिए मुआवज़ा देने का दायरा भी बढ़ाया है।
उन्होंने बताया कि आम जनता की सुविधा के लिए कैथल में अत्याधुनिक डिजिटल अभिलेखागार शुरू किया गया है जिसमें भूमि रिकोर्ड को कुछ ही मिनटों में प्राप्त किया जा सकता है और उसके ख़राब होने का भी कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया की भविष्य में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर ऐसे अभिलेखागार खोलने की योजना पर कार्य जारी है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने पासपोर्ट और वीजा सेवाओं जैसी ई-रजिस्टे्रशन प्रणाली में ऑनलाइन अप्पाईंटमैंट की शुरूआत की है। इसके अलावा, आरटीएसए (सेवा का अधिकार अधिनियम) और एफआईएफओ (फर्स्ट इन फर्स्ट आउट) प्रणाली को रजिस्ट्रेशन में शुरू किया गया है जिससे पारदर्शिता आई है और समयावद्घ रजिस्ट्रिया हो रही हैं। हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियम अधिनियम, 1975 की धारा 7-ए के अन्तर्गत एनओसी को जारी करने के साथ-साथ क्रेता, बिक्रेता और गवाहों की पहचान ऑनलाइन पैन वैरिफिकेशन व आधार आधारित ई-केवाईसी नियम 2017 भी अधिसूचित किया है।