दण्ड विधि (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018
भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और लैंगिे अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012, हरियाणा राज्यार्थ, को आगे संशोधित करने के लिए दण्ड विधि (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018 पारित किया गया है।
बलात्कार जैसे आपराधिक कृत्य के लिए आजीवन कारावाास और चरम मामलों में मृत्यु दण्ड तक का प्रावधान किया गया है। हालांकि महिला के शील भंग के उद्देश्य से उसका पीछा करने, उस पर हमला करने तथा 12 वर्ष से कम आयु की महिला के साथ बलात्कार/सामूहिक बलात्कार जैसे अपराधों को रोकने के लिए ऐसे कृत्यों के अपराधियों को और कठोर सजा दिया जाना आवश्यक है। अत: 12 वर्ष तक की बालिकाओं के बलात्कार/सामूहिक बलात्कार के संबंध में संशोधन प्रस्तावित है, जिसके लिए मृत्यु दण्ड या कम से कम 14 साल का कठोर कारावास, जिसे आजीवन अर्थात व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन तक के कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा, शील भंग के उद्देश्य से किए गए हमले के लिए कम से कम 2 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष तक की सजा प्रस्तावित है। इसी प्रकार, दूसरी बार अपराध किए जाने की स्थिति में, पीछा करने के लिए भी सजा का प्रस्ताव किया गया है जो कम से कम 3 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष की होगी।