नई दिल्ली : बिहार विधानसभा की 71 सीटों के लिए 28 अक्टूबर को पहले चरण के मतदान में बमुश्किल 10 दिन बचे हैं, लेकिन एलजेपी चीफ चिराग पासवान के भ्रामक बयान से जनता के बीच जा रहे गलत संदेश को साफ करते हुए भाजपा ने शनिवार को एक स्पष्टीकरण देने पड़ा है। बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव ने स्पष्ट करते हुए कहा कि एलजेपी NDA गठबंधन का हिस्सा नहीं है। यह भ्रम एलजेपी चीफ ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान करार देकर फैलाया था।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने बाकायदा स्पष्टीकरण जारी किया
यही कारण है कि शनिवार को बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बाकायदा स्पष्टीकरण जारी कर स्पष्ट किया है कि एलजेपी एनडीए का हिस्सा नहीं हैं। भूपेंद्र यादव ने कहा, भाजपा अपने रुख में बहुत स्पष्ट है कि एलजेपी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। हम चिराग पासवान को बताना चाहते हैं कि उन्हें किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। भाजपा-जद (यू) साथ चुनाव लड़ रही है और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे। यादव ने आगे कहा कि बिहार चुनाव में एलजेपी का कद आरएलएसपी और पप्पू यादव के जेएपी की तरह है, जो बिहार चुनाव को जिंदा करने के लिए लड़ रहे हैं।
एलजेपी अपने दम पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रही है
गौरतलब है एलजेपी अपने दम पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रही है। हालांकि पार्टी ने पहले भी एनडीए के समर्थन के बिना झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन बहुत खराब प्रदर्शन किया था। यही कारण है कि एलजेपी चीफ चिराग पासवान मतदाताओं के बीच भ्रम जाल फैला रहने के लिए ऐसे बयान दिए, जो एनडीए सहयोगी जेडीयू को कतई अच्छा नहीं लगा था।
बीजेपी को गठबंधन को लेकर दोबारा स्पष्टीकरण लिए इसलिए आना पड़ा
माना जा रहा है कि बीजेपी को दोबारा स्पष्टीकरण लिए इसलिए फिर आना पड़ा, क्योंकि चिराग पासवान के पीएम मोदी के हनुमान वाले बयान से जद (यू) असहज थी। जद (यू) के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा, “वह कलयुगी (आधुनिक) हनुमान हैं, जो एनडीए का विरोध करना चाहते हैं। हालांकि ताजा स्पष्टीकरण के बाद अब जद (यू) नेता ने संतोष व्यक्त किया है। जल्द पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार बिहार में संयुक्त रैलियों को संबोधित करेंगे, जो भाजपा के साथ हमारे गठबंधन को साबित करते हैं।
बीजेपी के बयानों से भ्रम को काफी हद तक दूर करने में मदद मिलीः NDA
एक एनडीए अधिकारी ने कहा कि चिराग पासवान के फैलाए भ्रम और दावों को काटने के लिए एनडीए नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि उन्हें मामले में बयान देकर खंडन करना होगा, जो स्पष्ट रूप से मतदाताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच कुछ भ्रम पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा समय पर एलजेपी से किनारा करने वाले बयानों से भ्रम को काफी हद तक दूर करने में मदद मिली है।